Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

बचपन

ये बचपन कितना मासूम होता है

जो माँ बाप के इर्द गिर्द ही घूमता है
जो कभी हस्ता , तो कभी बिना बात पर ही रोता है
पापा की आवाज़ से जागता और माँ की लोरी से सोता है
ये बचपन कितना मासूम होता है

अपनी नन्ही आँखों में ना जाने कितने सपने संजोता है
इन गुड्डे गुड़िया में ही अपना जीवन समेट लेता है
ये बचपन कितना मासूम होता है

उसे फ़िकर नहीं कल की वो आज में ही जीता है
उसे छल कपट का ज्ञान नहीं वो निश्छलता से रहता है
ये बचपन कितना मासूम होता है

यू ही नहीं भगवान का दूसरा रूप कहलाता है
वो पाप से दूर पुण्यों में अपना ध्यान लगाता है
ये बचपन इसलिए इतना मासूम होता है

1 Like · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जय लगन कुमार हैप्पी
#जालसाज़ों_की_दुनिया_में 😢😢
#जालसाज़ों_की_दुनिया_में 😢😢
*प्रणय प्रभात*
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (1)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (1)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुदा रखे हमें चश्मे-बद से सदा दूर...
खुदा रखे हमें चश्मे-बद से सदा दूर...
shabina. Naaz
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
Phool gufran
तलाश है।
तलाश है।
नेताम आर सी
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है
Jogendar singh
अक्सर मां-बाप
अक्सर मां-बाप
Indu Singh
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
Dushyant Kumar
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
गजब गांव
गजब गांव
Sanjay ' शून्य'
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
Rajesh vyas
गोरे तन पर गर्व न करियो (भजन)
गोरे तन पर गर्व न करियो (भजन)
Khaimsingh Saini
*जीवन-नौका चल रही, सदा-सदा अविराम(कुंडलिया)*
*जीवन-नौका चल रही, सदा-सदा अविराम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
Neeraj Agarwal
दया के पावन भाव से
दया के पावन भाव से
Dr fauzia Naseem shad
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
"साहस का पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30  न
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
Shashi kala vyas
कूच-ए-इश्क़ से निकाला गया वो परवाना,
कूच-ए-इश्क़ से निकाला गया वो परवाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समरसता की दृष्टि रखिए
समरसता की दृष्टि रखिए
Dinesh Kumar Gangwar
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
पैसा अगर पास हो तो
पैसा अगर पास हो तो
शेखर सिंह
चिंतन करत मन भाग्य का
चिंतन करत मन भाग्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...