Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2020 · 1 min read

बचपन वाली बात

जिंदगी की भागदौड़ से कुछ वक्त निकालते हैं,
चलो आज यादों की आलमारी खंगालतें है,
उस बचपन वाली दराज से कुछ लम्हें चुनते हैं
वो कहानियाँ जो दादी नानी ने सुनायी थी कभी
कुछ पल ही सही वहा भी ठहरतें है ।
कुछ याद आया जब हमें इनकी कहानियों मे
इतना यकीन हुआ करता था ।
जब टाफियां हमारी पहला मुहब्बत थी और क्रश
वो लाल पैकेट वाला नमकीन हुआ करता था ।
जब कुछ खाने की चीज लाते हुए
कभी कोई मांग लिया करता था ,
वो तो खत्म हो गया बस यही जवाब हुआ करता था।
जब फाल्गुन का महीना आते ही दुश्मनी भी
दोस्ती मे तब्दील हो जाती थी,
जब हर त्योहार होली हो या दिवाली साथ मनायी जाती थी।
जब हम मन्दिर शौक से जाया करते थे,
पर मजारों पे भी शीष झुकाया करते थे।
अच्छे तो थे न जब हम समझदार नहीं थे पर इन्सान थे,
आज वक्त बदला हम समझदार है हम हिन्दू हैं वो मुसलमान हैं।
हमारे हिस्से मे श्मशान और उसका कब्रिस्तान है।
आज जब सियासत के आकाओं का चुनावी विगुल बजता है
तो हम बट जातें है मुफ्तखोरी, धर्म और जातों में
आखिर क्यू हर बार आ जातें है हम इनकी बातों में।
क्यू नहीं करते याद हम बचपना जब हम सभी एक हुआ करते थे,
इक दूसरे के खुशी या गम मे शरीक होते थे और इरादें नेक हुआ करते थे।

©अrun ? © अरुण कुमार अरु

Language: Hindi
4 Comments · 438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वह है बहन।
वह है बहन।
Satish Srijan
हम कहाँ कोई जमीं या
हम कहाँ कोई जमीं या
Dr. Sunita Singh
कुंडलिया . . .
कुंडलिया . . .
sushil sarna
हमारा सुकून:अपना गाँव
हमारा सुकून:अपना गाँव
Sunny kumar kabira
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सारे इलज़ाम इसके माथे पर,
सारे इलज़ाम इसके माथे पर,
Dr fauzia Naseem shad
माँ की अभिलाषा 🙏
माँ की अभिलाषा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"शाश्वत"
Dr. Kishan tandon kranti
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
राजनीति और प्यार
राजनीति और प्यार
guru saxena
मातृभूमि
मातृभूमि
Kanchan verma
जिसके पास क्रोध है,
जिसके पास क्रोध है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जैसी बदनामी तूने मेरी की
जैसी बदनामी तूने मेरी की
gurudeenverma198
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
Dr. Narendra Valmiki
आजकल कुछ सुधार है प्यारे..?
आजकल कुछ सुधार है प्यारे..?
पंकज परिंदा
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/62.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
Sonia Pant
पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
Sagar Yadav Zakhmi
" मेरे जीवन का राज है राज "
Dr Meenu Poonia
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
Sanjay ' शून्य'
कान्हा ओ कान्हा!
कान्हा ओ कान्हा!
Jaikrishan Uniyal
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
..
..
*प्रणय*
नोट पुराने
नोट पुराने
आकाश महेशपुरी
वो  खफा है ना जाने किसी बात पर
वो खफा है ना जाने किसी बात पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
sudhir kumar
Loading...