बचपन की यादों के सहारे __ गीत
बचपन की यादों के ही सहारे,
बैठा हूं अब ऐसे किनारे।
गुजरने वाले गुजर रहे हैं,
देते न अब तो कोई सहारे।।
उन दिनों की याद सताए, बचपन को हम भूल न पाए।।
(१)
हर कोई आता मुझे उठाता ,लाड प्यार भी करता था।
कभी इधर तो कभी उधर भी भाग दौड़ में करता था।।
जिनके लिए थे सपने सजाए ,
वही तो अब पास नआए,
उम्र के अंतिम पड़ाव पर आकर हम तो सभी से हारे।
गुजरने वाले गुजर रहे हैं _ देते न अब तो कोई सहारे।।
उन दिनों की याद सताए बचपन को हम भूल न पाए।।
??राजेश व्यास अनुनय??
**आप सभी को बाल दिवस की बहुत-बहुत
शुभकामनाएंं***