*बचपन की पहली तीजो में, गुड़िया का श्रंगार (गीत)*
बचपन की पहली तीजो में, गुड़िया का श्रंगार (गीत)
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बचपन की पहली तीजो में, गुड़िया का श्रंगार
1)
हरी-लाल चूड़ी खनकाती, पहनी दौड़ी जाती
माथे पर बिंदी छोटी-सी, सबसे ज्यादा भाती
हॅंस-हॅंस कर नन्ही बूंदों का करती है सत्कार
2)
पहना हरा फ्रॉक है झिलमिल, हरियाली को गाती
झूले पर पैंगे भर-भर कर. उत्सव खूब मनाती
जब चलती तो अच्छी लगती, पायल की झंकार
3)
गमले पौधे पेड़ प्रकृति सब, मनभावन मुस्काती
घने बादलों से संध्या ज्यों, दोपहरी में छाती
भरा हुआ है मस्ती से हर, बच्चे का व्यवहार
बचपन की पहली तीजो में, गुड़िया का श्रंगार
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451