बचपन की कुछ यादें
मेरे साथ कुछ खास हुआ था मेरे दोस्त विकास ने मुझे बहुत अच्छी बात बताई थी बचपन के बारे में वह कुछ इस प्रकार हैं ।
अक्सर हमको बचपन की यादें आती ही रहती हैं मगर अपना बचपन तो वापस कभी नहीं आ सकता इसलिए हम लोग उन यादों के सहारे ही अपनी जिंदगी को काट लेते हैं और सोचते रहते हैं कि कहां गया हमारा बचपन
बचपन की यादों को हम नहीं भुला सकते उसमें से एक बात कुछ इस तरह मुझको याद आई ।
“मोहल्ले के कुत्ते को दो बिस्कुट खिलाकर कालू पंजा दे कहकर पुकारने वाले हम आखिरी पीढ़ी”
मेरे बचपन हो सके तो वापस आ जा ।