Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2020 · 1 min read

बगिया

कितने मौसम
गुजर गये थे
अब आयी है
बारी उसकी ।

सपनो के
मिल जाने से
बदल गयी हैं
राहें उसकी ।

सुखद हवाओं के
झोकों से
महक रही है
बगिया उसकी ।

खुशियों के
आ जाने से
छलक रही हैं
आंखें उसकी ।।

राज विग 07.06.2020

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 385 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
तेरे जागने मे ही तेरा भला है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां शैलपुत्री देवी
मां शैलपुत्री देवी
Harminder Kaur
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
3513.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3513.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
कोई ग़लती करे या सही...
कोई ग़लती करे या सही...
Ajit Kumar "Karn"
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
लगा जैसे उसकी आंखों में सारा समंदर समाया हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
शेखर सिंह
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
पर्वत 🏔️⛰️
पर्वत 🏔️⛰️
डॉ० रोहित कौशिक
*कौन-सो रतन बनूँ*
*कौन-सो रतन बनूँ*
Poonam Matia
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
स्वतंत्रता दिवस पर विशेष
पूनम दीक्षित
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
"देह एक शीशी सदृश और आत्मा इत्र।
*प्रणय प्रभात*
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
Shweta Soni
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
Neelam Sharma
अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
निश्चित जो संसार में,
निश्चित जो संसार में,
sushil sarna
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
*
*"सावन"*
Shashi kala vyas
દુશ્મનો
દુશ્મનો
Otteri Selvakumar
Loading...