बगावत की इश्क़
अरे ना रीत काम आएगी , ना रिवाज काम आएगी , जब दिलो में इश्क़ पैदा होगा ,तो बगावत का शोर काम आएगा ,
जलेंगी कस्तिया अनारकली तेरे जहाँगीर के लिए , खुदा भी तरसेगा इश्क़ राधा और कृष्ना के लिए ,
होगी कल चाँद का अंधियारा , तो चाँदनी सिहकेगी ,चकरा भी फुट के रोयेगा जब चकरी मरेगी ।