बंदर मामा गए ससुराल
बंदर मामा पहन पजामा, पहुंच गए ससुराल
हाथ में एक मोटी सी सोटी,गले में था रूमाल
बोला अकड़ पकड़ कर चोटी,था गुस्से से लाल
लेने आया हूं,छोड़ दे नखरे,चल मोटी अपनी ससुराल
सुन बंदरिया को गुस्सा आया…
खींच कर पत्थर से मार गिराया…
काला तू, तेरा दिल भी काला, तेरे संग जाऊं ना बंदर
रूठी बंदरिया,छोड़ कर खाना,जा बैठी खोल के अंदर
बंदर मामा फिर गए मनाने, यत्न किए हजार
बोला,चाहे चपत लगा ले, पर पत्थर ना मार
चश्मा लगा के बंदर इतराए,फिर बंदरिया को समझाए
ये तो हैं मियांबीबी की बात, जगहंसाई क्यों करवाएं
रूठी बंदरिया को मनाया,बंदर लाल चुनरिया लाए
चुनरी ओढ़ के बंदरिया मुसकाए,ठुमक ठुमक ससुराल को जाए।