*बंदर दो अनार ले आया (बाल कविता)*
बंदर दो अनार ले आया (बाल कविता)
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बंदरिया बोली बंदर से
मेले में जब जाना
दो अनार अच्छे से
दीवाली पर लेकर आना
गया शहर में मेले
बंदर दो अनार ले आया
खुशी-खुशी बंदरिया के
हाथों में उन्हें थमाया
जब देखे अनार
बोली बंदरिया “क्या सठियाए ?
खाने वाले नहीं
फुलझड़ी वाले थे मॅंगवाए”
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451