बंदना सरस्वती माता की
करो बंदना सरस्वती माता की।तुम अविद्दया हरन ज्ञान की दाता की।———-सकल जगत तुमको ध्यावै।अपना काम बनावै।ज्ञान की सकल विधाता की।——-करो बंदना सरस्वती माता की।————-सारी रिद्धि सिद्धि तुम्हें प्राप्त हो जाये।ज्ञान बल जब प्राप्त तुम्हें हो जाये ।——–सकल मनोरथ सिद्ध करें वीणा धर मातेश्वरी की। करो बंदना सरस्वती माता की।समस्त धन उसे मिल जाता है।जो सरस्वती माता का उपासक बन जाता है।समस्त कलाओं की तुम भंडार ।-मेरी कर दो बेड़ा पार। करो बंदना सरस्वती माता की।