बंजर धरती पे हरियाली
किस पथ जाए किसान
किस पथ जाए माली
उस जड़ चेतन का ध्यान करें
जिनकी महीमा हो निराली ।
असंभव नहीं संभव है
कि बंजर धरती पे हरियाली ।
सींचेंगे वो अपने रक्त से
भले ही आज वहाँ मरूधान है
आस का भाग्य देता सदा साथ है
परिश्रम का जिनको वरदान है
पौ फटने के आसार हैं
हिरितीमा है मीटने वाली
असंभव नहीं संभव है
कि बंजर धरती पे हरियाली ।