“फौजियों की अधूरी कहानी”
कुछ बातें अनकही रह जाती है,
कविता बन वो अक्सर कागज़ में आजाती है,
या तो शायरी बन कर अल्फाज़ो में आजाती है,
जज़्बातों को बिखैर कर रूह को चीर जाती है,
चाहे घर की बात हो या अधूरी मोहब्बत,
सरहद में बैठे हर फ़ौजी की कहानी अक्सर अधूरी रह जाती है।