Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2022 · 1 min read

फैसला (लघु कथा)

फैसला (लघु कथा)
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””’
“उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन फार्म ले आई हूँ। अब फीस जमा करने की आखिरी तारीख चार दिन बाद है ।” रश्मि ने अपनी माँ से जब यह कहा तो नीलिमा के पैरों से जैसे जमीन ही खिसक गई ।
उसने पति की तरफ आँख उठाकर देखा । पति अनमोल भी परेशान हो उठे। लेकिन फिर साहस जुटाकर नीलिमा ने ही अपनी बेटी से कहा “रश्मि ! हम तुम्हारी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते । ढाई लाख रुपए सालाना खर्च करना हमारे लिए संभव नहीं है ।”
“लेकिन क्यों ? अभी तक तो यही बातें चल रही थीं. …”
रश्मि की बात को बीच में ही काटते हुए पिता अनमोल का उत्तर था ” बेटी !तुम्हारे भाई राजेश की शादी में दावत में कम से कम 12 लाख रूपए का खर्चा आएगा । हमारे पास तो इतना भी नहीं है। जमीन गिरवीं रखकर कर्ज लेना पड़ेगा। तुम्हारी आगे की पढ़ाई अब नहीं हो पाएगी।”
” मगर जब पैसा नहीं है तो इतनी शाही दावत करने की क्या जरूरत है?”
” तो क्या पूरे शहर में नाक कटा दें ? ….यह हमारा आखिरी फैसला है।” पिता ने कड़कदार आवाज में अपना फैसला सुनाया और चले गए ।
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1

Language: Hindi
1 Like · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
सविनय निवेदन
सविनय निवेदन
कृष्णकांत गुर्जर
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
उस रावण को मारो ना
उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
शेखर सिंह
"मयकश"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी सोच~
मेरी सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
Kumar lalit
चंदा मामा ! अब तुम हमारे हुए ..
चंदा मामा ! अब तुम हमारे हुए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
'महंगाई की मार'
'महंगाई की मार'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
భరత మాతకు వందనం
భరత మాతకు వందనం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मां (संस्मरण)
मां (संस्मरण)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जेठ का महीना
जेठ का महीना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
सेवा में,,,
सेवा में,,,
*प्रणय प्रभात*
गैस कांड की बरसी
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...