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6 Jul 2022 · 1 min read

फैल गया काजल

गाती रही कोयल
देर तक गीत
शोरगुल से दूर..
वाह वाह करती रहीं
किरणें..
बदलते रहे
तरूवर अपनी चाल,
मलय भी दाद देता रहा
बार-बार
रंग बदलते रहे
चेहरे के भाव
तुम्हारी प्रतीक्षा में!
तुमको आना था..
गुलमोहर की स्मित देख
मौसम गुलाबी रहा..
कुछ देर तलक..
फिर भीगने लगी धरा
फैल गया..
काजल
पूरे अंबर पर
तुम नहीं आये!

रश्मि लहर

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 406 Views

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