“फेसबूक का व्यक्तित्व”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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आने की खबर सबको होती है
पर जानेकी भनक नहीं होती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है
कभी आप गाते हैं
कभी मुसकुराते हैं
कभी अपनी बातों
से दिल लगाते हैं
उनकी अनुपस्थिति खलती है
जिंदगी अधूरी सबको लगती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है
कोई कविताओं से
दिल बहलाता हैं
कोई कहानियों में
कुछ कह जाता है
उनकी बातें अच्छी लगती है
सबके हृदय को छू जाती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है
इतिहास कहे कोई
भूगोल दिखाता है
अपनी टिप्पणी से
सबको हँसता है
यादें सब दिन उनकी आती है
न रहने पर याद बहुत आती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है
जो बातें सहजता
से कुछ कहते हैं
नेता भी समझकर
नीतियाँ बदलते हैं
उनकी बातों में जान आती है
लोगों को फिर समझ आती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है
नया कुछ करना
जीवंत बने रहना
इस तरह ही हमें
सबके बीच रहना
मौनता सिर्फ शाम को दर्शाती है
यहाँ दुनियाँ भी मौन हो जाती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है
काम ऐसा ही करें
याद सब कोई करे
हम रहें या ना रहें
इतिहास बनता रहे
जिंदगी यूँ बारबार नहीं मिलती है
कुछ बातें हमको भी सीखा देती है
आने की खबर सबको होती है
पर जानेकी भनक नहीं होती है
जो काफी करीब उनके होते हैं
उनको ही खबर सिर्फ रहती है !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
21.12.2023