फेरे
चाहे फेरे लीजिए,चाहे कहो कबूल ।
प्यार अगर दिल में नहीं,सब कुछ लगे फिजूल।
सब कुछ लगे फिजूल,फँसा दलदल में जीवन।
टूटे दिल के तार, झड़े नयनों से सावन।
चलते दोनों साथ,जुदा हैं लेकिन राहें।
रहे उसी के साथ,हृदय से जिसको चाहे।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली