फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
पापड़ कितने बेले थे।
गुरु बनाएं हमने कितने,
बन गए उनके चेले थे।।
पहचान हुई है आप सभी से,
कितने अर्से बाद में।
गुरुवर जब तक मिले नहीं,
तब तक रहे अकेले थे।।
राजेश व्यास अनुनय
फेमस होने के खातिर ही ,
पापड़ कितने बेले थे।
गुरु बनाएं हमने कितने,
बन गए उनके चेले थे।।
पहचान हुई है आप सभी से,
कितने अर्से बाद में।
गुरुवर जब तक मिले नहीं,
तब तक रहे अकेले थे।।
राजेश व्यास अनुनय