फूल
फूल में तेरे लिए हर रोज लाया हूँ
प्यार में तेरे दिवाना मैं बनाया हूँ
खूबसूरत तू बहुत है इसलिये तो मैं
प्रान की बाजी लगा कर आज आया हूँ
आग ऐसी आज दिल में जो लगाई है
छोड़ कर मैं यह जमाना कुँवारा हूँ
जब न भायेगा इश्क तेरा किसी को तब
जुल्म दुनियाँ के सभी मैं आज सहता हूँ
मेहबूबा की अदा अब हो गयी ऐसी
आज उसका मैं सदा को ही नजारा हूँ