फूल
शीर्षक – फूल **************
फूल के जीवन से हम,सभी प्रेरणा लेते हैं।
आज हम सभी को,खुशबू से महकाते हैं।
सच फूल यह सोचता,मानव जीवन सच होता हैं।
हां फूल की सोच भूल ,मानव आज मानव को धोखा देता है।
फूल सदा सोच अपनी वो रखता हैं।
संगत फूल फूलों की सोच बताता हैं।
फूल कांटो को अपना रक्षक कहता हैं।
सच और हकीकत में अंतर रहता हैं।
फूल जीवन में निस्वार्थ सोचता हैं।
मानव जीवन स्वार्थ फरेब रखता हैं।
हम तो फूल भी जीवन मानव को कहता हैं।।
आज नहीं तो कल कुदरत के साथ जाना हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र