फूल हमेशा खुश रहते हैं
दवा नहीं है दर्द-ए-दिल की, यूँ जग में उपचार बहुत हैं
खुला हुआ कोई न मिलेगा, शहर गाँव घर-द्वार बहुत हैं
खुश रहना हो हर हालत में, गम से फिर घबराना कैसा
फूल हमेशा खुश रहते है, भले बाग़ में खार बहुत हैं
दवा नहीं है दर्द-ए-दिल की, यूँ जग में उपचार बहुत हैं
खुला हुआ कोई न मिलेगा, शहर गाँव घर-द्वार बहुत हैं
खुश रहना हो हर हालत में, गम से फिर घबराना कैसा
फूल हमेशा खुश रहते है, भले बाग़ में खार बहुत हैं