फूल सूखी डाल पर खिलते नहीं कचनार के
फूल सूखी डाल पर खिलते नहीं कचनार के
बोल भी मीठे कभी होते नहीं तलवार के,
स्नेह-रस पाषाण दिल में भी सहज बहता नहीं
नफरतों से स्रोत सारे सूख जाते प्यार के।
a m prahari
फूल सूखी डाल पर खिलते नहीं कचनार के
बोल भी मीठे कभी होते नहीं तलवार के,
स्नेह-रस पाषाण दिल में भी सहज बहता नहीं
नफरतों से स्रोत सारे सूख जाते प्यार के।
a m prahari