फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
चांद बन चांदनी बिखेरो तो कोई बात बने
यूं तो जीने को सभी जीते हैं अपने ही लिए
जियो जो औरों के लिए तो कोई बात बने
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्य प्रदेश