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20 Jun 2021 · 2 min read

फूल पत्थर

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान इस जीवन में कुछ सपने देखता है -बुनता है और फिर अचानक ऐसी आंधी या तूफ़ान आता है की वो सपने रेत के घरोंदे की माफिक बिखर जाते हैं -टूट जाते हैं,और बिखरते भी इस तरह से हैं की ना इंसान उनको समेट सकता है और विडम्बना देखिये की ना हीं उनको छोड़ सकता है ..,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी में सबसे गहरी चोट अपने ही देते हैं -कभी शब्दों से -कभी हाव भाव से -कभी बोल कर -कभी बिना बोले -कभी दर्शा कर -कभी बिना दर्शाये …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस जिंदगी में लोग आपके ऊपर हजार तोहमतें -दाग लगाते हैं क्यूंकि आप चाह कर भी हरेक को खुश नहीं रख सकते परन्तु आप उस दिन अंदर ही अंदर मर जाते हो जब उस जिंदगी की भीड़ में आपके अपने भी शामिल हो जाते हैं ,कहीं पढ़ा था की जब यीशु मसीह को सूली चढ़ाया जा रहा था -उन पर पत्थर फेंकें जा रहे थे तो उन्हें कुछ नहीं हुआ लेकिन जब उनके ही किसी अपने ने एक फूल पत्थर की भांति उनकी तरफ फेंका तो वे खामोश हो गए …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की जीवन में कुछ पल ऐसे आते हैं की जब आप बात करते हैं तो बहस लगती है -नहीं करते हैं तो सामने वाला गुरूर समझता है ,अब आप कैसे किसी को समझाओगे क्यूंकि सामने वाला तो वही सुनना समझना चाहता है जो उसने सोच रखा है …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
⚛️?☸️??

Language: Hindi
Tag: लेख
191 Views
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