फूल जिनके खिलने से महका था हिन्दुस्तान कभी
हाँ बेशक गाँधी और शास्त्री का ज़माना अब नहीं रहा,
पर अब भी महक वही आती है हमारी फ़िज़ाओं से हरदम।
वो फूल जिनके खिलने से महका था हिन्दुस्तान कभी,
हमने तो जाना है कि वो फूल नहीं मुरझाए कभी।
रघुपति राघव राजा राम अब भी तो गाया जाता है,
जय जवान जय किसान की गूँज से अब भी तिरंगा लहराता है।
गाँधी के आदर्शों से अहिंसा को समझा जाता है,
शास्त्री के नाम से हमें सिद्धांतों पर टिकना आता है।
आज़ादी का मूल्य समझाने वो डांडी चलकर आया था,
सारे विश्व को उसने ही शांति का महत्व बतलाया था।
युद्ध समय में उसने पूरे राष्ट्र को एक कर दिखलाया था,
जय जवान जय किसान का नारा उसने जब लगाया था।
ऐसे सुंदर फूल बगिया में रोज़ रोज़ नहीं खिला करते,
जीवन देश पर समर्पित करने वाले बिरले ही मिला करते।
————-शैंकी भाटिया
अक्टूबर 2, 2016