फूल चाहिए नहीं चाहिए
फूल चाहिए
नहीं चाहिए
कांटा चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की खुशबू चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का रंग चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का संग चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का तन चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का मन चाहिए
नहीं चाहिए
फूल पर लहराती हवा चाहिए
नहीं चाहिए
फूल पर मंडराता भंवरा चाहिए
नहीं चाहिए
फूल पर इठलाती तितली चाहिए
नहीं चाहिए
फूल पर गिरती ओस की बूंदे चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की टहनी चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की शाखा चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का तना चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की पत्ती चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की पंखुड़ी चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का रेशा चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का तंतु चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का मकरंद चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का पराग चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का पौधा चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का बीज चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की जड़ चाहिए
नहीं चाहिए
फूल की मिट्टी चाहिए
नहीं चाहिए
फूल का बगीचा चाहिए
नहीं चाहिए
फूलों का एक घर चाहिए
नहीं चाहिए
फूल के सिर पर लहराता इसका आसमान चाहिए
नहीं चाहिए
फिर ऐ पागल,
सिरफिरे,
मूर्ख
तुझे क्या चाहिए
तुझे किसी के तन की सुंदरता,
मन की कोमलता,
ह्रदय की विशालता,
शब्दों की सार्थकता,
भावों की भावुकता
क्रियाओं की गंभीरता,
कुछ नहीं चाहिए
तुझे तो बस सब कुछ रौंदना है,
बर्बाद करना है,
तहस नहस करना है,
सबको भयभीत करना है,
नरसंहार करना है,
एक पशु की भांति ही व्यवहार करना है,
न खुद का, न किसी जीवात्मा का तुझे
कभी उद्धार करना है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001