जिन्दगी ख़ास है
जिन्दगी ख़ास है
**************
अगर वो पास है,
जिन्दगी खास है।
अभी शुरुआत है,
बुझी ना प्यास है।
नज़र से दूर क्यों,
जिन्दा हम लाश हैं।
पके फल लाल है,
मिलन की आस है।
न मनसीरत खफ़ा,
बिखरती ताश है।
**************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)