फूलों में बारूद
तुम्हे शोभा नहीं देता
कि तुम आंसों बहाओ
आँखें फोड़कर
तुमने बेच दी नदी चील को
और मगरमच्छ को चिनार
तीक्ष्ण चोंच और पैनी नज़र में
मछलियों ने सीख लिया है
मेंडक बनना
जबड़ों में आ गया है सम्पुर्ण आकाश.
तुम्हे शोभा नहीं देता
कि तुम शांत रहो
अशांति फैलाकर
तुमने संगीत में भर दी है
गोलियों की धुन
और कानों में खनक रहे है
विस्फोट के गीत,
सुर में सजा दिया है
माँ का करुण रूदन.
तुम्हे शोभा नहीं देता
कि तुम सुर्खियाँ बटरो
हत्याकांड कर
तुमने शवों को बनाया खाद
और लहू को पानी
उपज आये है ऐसे पेड़
जिनकी टहनियों में गाड़ा लहू है
और फूलों में बारूद
फल में पत्थर और
बीज में विस्फोट.