फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
खुशबू की तरह जाने क्यों बदनाम कर दिया,,
एक दर्द का किया था राज़दार आपको,,
क़िस्सा बनाके उसको सरे आम कर दिया
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
खुशबू की तरह जाने क्यों बदनाम कर दिया,,
एक दर्द का किया था राज़दार आपको,,
क़िस्सा बनाके उसको सरे आम कर दिया