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8 Jun 2024 · 1 min read

फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,

फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
खुशबू की तरह जाने क्यों बदनाम कर दिया,,

एक दर्द का किया था राज़दार आपको,,
क़िस्सा बनाके उसको सरे आम कर दिया

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