*फूलों का त्यौहार ( कुंडलिया )*
फूलों का त्योहार ( कुंडलिया )
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लगता जैसे मन रहा ,फूलों का त्योहार
हँसते उपवन से हुआ , धरती का श्रृंगार
धरती का श्रृंगार , पेड़ – पौधे हैं गाते
ऋतु वसंत का नृत्य , देख पक्षी हर्षाते
कहते रवि कविराय ,फागुनी मौसम ठगता
स्वर्ग-लोक का दृश्य ,धरा पर उतरा लगता
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451