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2 May 2024 · 1 min read

फूल है और मेरा चेहरा है

हमने माना अभी अंधेरा है।
पास लेकिन बहुत सवेरा है।।

मैल दिल में कोई नहीं रखना ।
दिल में रख का अगर बसेरा है।

छीन लेता है साथ अपनों का।
वक़्त वो बेरहम लुटेरा है।।

सब मुसाफिर है मैं भी औ तु भी।
ये जहाँ तेरा है और न मेरा है।।

जा के बैठेगी अब कहाँ तितली ।
फूल है और मेरा चेहरा है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
5 Likes · 129 Views
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