Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2022 · 1 min read

फुलझड़ी ही छोड़िए 【मुक्तक】*

फुलझड़ी ही छोड़िए 【मुक्तक】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
देह में यदि प्राण हैं तो श्वास होना चाहिए
भीतरी मधुरिम सहज उल्लास होना चाहिए
बम नहीं तो एक छोटी फुलझड़ी ही छोड़िए
आप जिंदा हैं सतत आभास होना चाहिए
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
448 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
दोहा पंचक. . . . . दम्भ
दोहा पंचक. . . . . दम्भ
sushil sarna
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
Harminder Kaur
गगन में लहराये तिरंगा
गगन में लहराये तिरंगा
नूरफातिमा खातून नूरी
ब्राह्मण
ब्राह्मण
Sanjay ' शून्य'
" धेले में "
Dr. Kishan tandon kranti
आगे हमेशा बढ़ें हम
आगे हमेशा बढ़ें हम
surenderpal vaidya
🤣🤣😂😂😀😀
🤣🤣😂😂😀😀
Dr Archana Gupta
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
Ravi Prakash
आधा ही सही, कुछ वक्त तो हमनें भी गुजारा है,
आधा ही सही, कुछ वक्त तो हमनें भी गुजारा है,
Niharika Verma
4534.*पूर्णिका*
4534.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मौत पर लिखे अशआर
मौत पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
कइयों के लिए
कइयों के लिए "आज" बस एक "खाज" है, जो "कल" के लिए बस नई "खुज
*प्रणय प्रभात*
एक जमाना था...
एक जमाना था...
Rituraj shivem verma
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
Manisha Manjari
पीयूष गोयल में १७ पुस्तकें लिख कर रच दिया इतिहास.
पीयूष गोयल में १७ पुस्तकें लिख कर रच दिया इतिहास.
Piyush Goel
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
Loading...