Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2022 · 9 min read

फिल्म – कब तक चुप रहूंगी

पेज =07
फिल्म – कब तक चुप रहूंगी। स्क्रिप्ट – रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283 / 7859042461
तारीक – 23 – 12 -2021

राधा – अभी जो नौजवान लड़का आया था क्या लूक था उनका, क्या जवानी था

रानी – हे दिन में तारे देखना छोड़ तु कहा तु और वो कहां इससे भी खुबसूरत नौजवान लड़का तेरे पापा तुझे ढ़ुढ़ देगा

राधा – नहीं रानी और रीता ये ही नौजवान तेरा जीजा बनेगा

रीता – अब्बे ओय लैला की पोती की पोती, बंद कर तु अपनी बकवास वाली बोली

राधा – तु न मुझे नादान समझ , इश्क में हुआ कुर्बान समझ
मेरे इस जवानी पर होगा अब उसी का राज । चाहे जुल्म का दिवार खड़ा करें समाज

रानी – देख राधा अब हम लोगों को बिछड़ने का समय आ गया इग्जाम के बाद तो सब मिल भी नहीं पाएंगे पर राॅकी तुम्हें छोड़ेगा नहीं तु जड़ा होशियारी से रहना

राधा – अरे तु क्यों चिंता करती है जब जो होगा देखा जायेगा

रानी – हम सब तो मिडियम क्लास के परिवार से हैं तों हमारे पापा इग्जाम के बाद मेरी शादी कर देगा वो शायद लड़का भी देख रखें है लड़के बाले मुझे देख लिया और मैं उन्हें पसंद आ गई तो मेरी शादी इसी साल के अंत तक हो ही जाएगा

रीता – हमारे मम्मी पापा अभी दो चार साल रुकेंगे

राधा – मैं तो इसी नौजवान से अपनी जवानी का गाड़ी चलवाऊंगी । रानी और रीता मुझे इनसे प्यार हो गया और मै इसके बीना नहीं रह सकती

रानी – राधा तुम्हें एक बात कहूंगी तो तु बुरा तो नहीं मानेंगी

राधा – बोल क्या बात कहना चाहती है

रानी – यार राधा जिस पर तु मर मिटी है वो हमें ठीक नहीं लगता हैं

राधा – क्या ठीक नहीं लगता तुम्हें
मैं तुम्हें बताती हूं कल यही था जो मेरी इज्जत बची यही मुझे सही सलामत मेरे घर पर पहुंचाया, यही अपने आप को मेरे दोस्त के बराबर नहीं समझा क्योंकि ये भी एक नौर्मल परिवार से हैं अपने मां बाप का जिम्मेदार बेटा है और दूसरों का इज्जत करना जानता है

रानी किसी के माथे पर नहीं लिखा रहता की वो अच्छा है या बुरा और हमने जो चीज उसके अंदर देखा जो हर इंसान में होना चाहिए वो उसमे हैं और मुझे उनसे वेपनाह प्यार हैं

तु सब मुझे विशाल के बारे में कुछ न कह ये मेरा तुम दोनों से रिक्वेस्ट है

रानी – साॅरी राधा मैं जो समझ पायी वो तुम्हें बता दिया
इसके लिए मैं तुमसे माफी मांगती हूं

राधा – ओ के रानी

फिर रानी और रीता अपने रास्ते गई और राधा अपने रास्ते

राॅकी को पुलिस पकड़ कर ले गया उसके दोस्त को काॅलेज से निकाल दिया गया।

राॅकी वैसे भी पढ़ता कम और आवारा गीड़ी ज्यादा ही कर रहा था फिर भी राधा के कारण ही उसका केरीयर खड़ाब हो गया फाइनल इग्जाम आ गया राॅकी और उसका दोस्त इग्जाम में नहीं बैठ पाया सिर्फ राधा के वजह से । जेल से छूटने के बाद राॅकी पता नहीं क्या करेगा

इग्जाम हों गया सब बच्चों का रिजल्ट घोषित किया गया आज सबका शायद आखिरी मिलन था एक समारोह के साथ सब काॅलेज को अलविदा कहने वाले था इस समारोह में राधा ने विशाल को बुलाया पर वो नहीं आया ।

क्योंकि वो दुनिया से छुप कर रहता था इसलिए वो सबके सामने आना नहीं चाहता उसी खंडहर में वो अपना गुनाह का संसार बसा रखा था पुलिस को हमेशा विशाल का खोज रहता है और विशाल हमेशा पुलिस से बच कर रहता

उधर कृष्णा भी राधा के जुदाई का गम लिए जीये जा रहा था । मां के बार बार समझाने पर कुछ बातें उसके दिमाग में बैठ गया और वो उपर से सही होकर रहने लगा मां ने चाही कृष्णा का शादी कर दूं पर वो साफ मना कर दिया।

मां – बेटा मैं चाहती हूं की अब तु शादी कर लें मैंने लड़की देख रखी है

कृष्णा – मां मैं शादी नहीं कर सकता

मां – क्यों अब मैं बुढ़ी होते जा रही हूं अब हमसे घर का सारा काम नही होता मेरा भी मन करता है अपने पोते पोतियों के संग खेलने की मेरी भी बहूं हो

मां बोलती रही कृष्णा घर से बाहर निकल आया

उधर राधा रानी और रीता से अलग हुई की विशाल को फोन लगा दी और बोली आज भी मेरे सर में चक्कर दें रहा है आप जल्दी से आ जाओ नहीं तो मैं मर जाऊंगी

विशाल – आप ऐसे बात क्यों करती हैं

राधा – कैसी बात

विशाल – मरने की अगर मुझसे आपको कोई काम है तों मैं अभी आपके पास आता हूं । पर आपको हमसे बार बार नहीं मिलना चाहिए लोग आप पर उंगलियां उठांने शुरू कर देंगे

राधा – दुनिया को उंगलियां पुरे हाथ उठांने दो आप आ रहें हो की नही

विशाल यही तों चाहता था की राधा को उनसे प्यार हो जाए और लगता है की राधा को मुझसे प्यार हों ही गया

विशाल – राधा जी अभी तो मुझे कुछ काम था पर आप कहती हो तो मैं आपके पास पांच मिनट में पहुंचता हूं

राधा – ओ के

और विशाल ठीक पांच मिनट में राधा के पास पहुंच गया

राधा कहती है वादें के बड़े पक्के हैं आप पांच मिनट कहके पांच मिनट में ही पहुंच गए

विशाल कहीए क्या काम है आपको मुझसे

राधा – विशाल जी मैं आपको एक बात कहना चाहती हूं

विशाल – हां बीना संकोच के कहीए

राधा – मुझे आपसे प्यार हो गया है

विशाल – राधा जी ये क्या वहकी वहकी बातें करने लगी आप क्या ये सम्भव हो सकता है

राधा – विशाल जी ये सम्भव हो गया है

विशाल – क्या सम्भव हो गया है

राधा – यही की मुझे आपसे सचमुच प्यार हो गया है

विशाल – राधा जी आपने कभी ये नही सोचा की धरती और आकाश का मिलन कभी नहीं होता आप आकाश है और मैं धरती भी नहीं

विशाल राधा के आंखों पर शराफत का ऐसा पट्टी बांध रहा था की राधा उसके लिए सब कुछ कर जाने को तैयार हों जाएं

राधा – को शायद आज थोड़ा सा घमंड हों रहा था अपने पिता के दौलत पर
राधा समझ गई की हमारे प्यार के बीच में मेरा दौलत और विशाल का ग़रीबी आ रहा है तो राधा बोली आपको ये सब सोचने की कोई जरूरत नहीं है आप सिर्फ हमसे प्यार करीये

विशाल – देखिए मैं गरीब इंसान हूं और एक गरीब से कोई शहजादी का मिलन नहीं हो सकता

राधा – देखिए आप हमें ना मिले तो मैं अपनी जान दे दुंगी

विशाल – बड़ा अजीब जिद्द हैं आपका देखिए आप अपने पिता और उनके इज्जत के बारे में थोड़ा ख्याल किजिए दिल नहीं दिमाग से काम लिजिए

राधा – देखिए विशाल जी हम सब बातों का ख्याल रख रहे हैं बस एक बार आप हां कहके देखिए

विशाल – राधा जी आप जल्दी बाजी में काम लें रहीं हैं

राधा – हद हो गई यार एक लड़की इन पे लट्टू हो रही हैं और ये कैसा जवान हैं की इनके जवानी का आग भड़कता ही नहीं।

विशाल – देखिए कौन ऐसा जवान होगा जो आपको पाना नहीं चाहेगा लेकिन हर किसी को तो आप नहीं मिल सकती न

राधा – हर किसी को तो नहीं मिल सकती पर आपको मिल गई हूं आप मुझे अपना लो नहीं तो सच में मैं मर जाऊंगी

विशाल – ठीक है मैं आपकी बात मान लेता हूं पर मुझे आपके पापा के पास जाने में संकोच होगा की वो क्या कहेंगे की हमारे बेटी को प्यार के जाल में फंसाकर ये हमारे दौलत को हथियाना चाहता है

राधा – ये सब सोचने की जरूरत नहीं है मैंने पहले भी आपसे कह चुकी हूं सारे बात हम पर छोड़ दिजिए हम पापा को मना लेंगे पर मुझे एक बार आई लव यू कह दिजिए

विशाल – तो यही करना चाहता था जो हो गया और आई लव यू कह के बांहों को खोल दिया जिसमें राधा समा गई

अपने प्यार को सफल देख राधा झुम उठी और गीत …..

कुछ देर विशाल से बातें कर राधा अपने घर जाने लगी तो बोली चलो मैं आपको आपके घर छोड़ दूं

विशाल नहीं नहीं आप जाओ मैं चलें जाऊंगा

राधा – देखिए आपको कुछ नहीं सोचना है जो कुछ भी करना होगा मैं खुद कर लूंगी बाय

विशाल – बाय

अब तो जैसे राधा को प्यार का पंख लग गया उनकी चहकती महकती अदाओं से ये स्पष्ट हो रहा था की उन्हें किसी से प्यार हो गया है।

राधा घर पहुंची तो उनका गुणगान अत्यधिक प्रशन्यचित देखकर पापा ने पुछ ही दिया की

पापा – बेटा आज तु एक अलग प्रकार से खुश नजर आ रही है ऐसे लग रहा है जैसे तुम्हें कोई खाजाना मिल गया हो

राधा – हां पापा आज मैं बहुत खुश हूं और सच में आज मुझे प्यार का खजाना मिल गया

पापा – इसका मतलब मेरी बेटी को किसी से प्यार हो गया है

राधा – हां पापा मुझे भी किसी से प्यार हो गया है

पापा – पर वो है कौन

राधा – पापा विशाल कल जो मुझे छोड़ने आया था

पापा – वो

राधा – हां पापा मुझे सच में विशाल से प्यार हो गया है और मुझे उसी से शादी करना हैं

पापा – इतना जल्दी फैसला उचित नहीं होता है बेटा उस दिन विशाल मुझे भी अच्छा लगा पर उसके बारे में जानकारी भी तो हमें होना चाहिए क्या करता है कहा रहता है उनका समाज में क्या छवि हैं

राधा – क्या जानकारी चाहिए आपकों विशाल के बारे में मैं देती हूं आपकों उसके बारे में जानकारी

पापा – अच्छा विशाल के बारे में तुम क्या जानती हों और कब से जानती हो।

राधा – पापा विशाल एक नेक इंसान हैं और गरीब है उसे मैं सिर्फ और सिर्फ कल से जानती हूं

पापा – और वो करता क्या है उसके मां बाप को तुमने देखा है किसी से उसके बारे में कुछ पुछा हैं

राधा – क्या पापा आप भी सी वी आई की तरह सवाल करने लगें

पापा – बेटा जिन्दगी जीना इतना आसान नहीं है और कठिन भी नहीं है अगर हम सफ़र अच्छा मिल गया तो आदमी स्वर्ग धरती पर ही बना देता है और अगर हम सफ़र बुरा गलत निकल गया तो यही जीवन नर्क से भी ज्यादा खड़ाब हो जाता है

जब तक मैं विशाल के बारे में सब कुछ पता नहीं लगा लेता तब तक हमारे ओर से हां न समझो

अब राधा को विशाल का बात सही लग रहा था की हर अमीर गरीब से नफरत करता है । जब काम लेना होता है तो चिकनी चुपड़ी बातें करके सिर्फ काम लेता है पर उनसे प्यार कोई नहीं करता। जब मैं और मेरा इज्जत खतरे में था विशाल नहीं आया होता तो शायद मैं आज किस हाल में होती ये तो सिर्फ भगवान ही जानते होंगे

अपने पापा का बात सुनकर राधा को विशाल से और प्यार गहरा हो गया

अब विशाल भेष बदलकर सभी लड़कियों को रात के अंधेरे में उस खंडहर से बाहर भेजने का प्लान बना लिया था इन सभी लड़कियों में से राधा की भी एक सहेली थी जो अपने घर की स्थिति देख इंटर फाइनल के बाद पढ़ाई छोड़कर काम के तलाश में भटकते भटकते आज इस विशाल के जाल में फंसकर अब शहर जाने वाली हैं।

रात को एक ट्रक में भर कर भेजने वाला है सभी लड़कियों का हाथ पैर बांध कर मुंह पर टेप चिपका दिया और दिखाने के लिए वो ट्रक फलों का हैं पर बीच में सभी लड़कियों को डाल कर भेजा जा रहा है

इतनी क्रूरता तों कहीं नहीं देखा होगा जितना विशाल उन सभी लड़कियों पर किये जा रहा था

और इधर राधा का प्यार विशाल के लिए फरमान चढ़ रहा था । राधा ने विशाल को फोन किया तो फोन विशाल ने नहीं उठाया राधा फिर फोन की तो विशाल ने फोन उठाया और बोला

विशाल – हां राधा जी कहीए कैसे फोन करना हुआ

राधा – विशाल आप सही कह रहे थे की हमारे प्यार का मान्य नहीं होगा इस समाज में और रोने लगी

विशाल – क्या हुआ आप रो क्यों रही है आप रोइएं मत हम आपके साथ है ।

राधा – हमारे पिता जी अभी हमारे प्यार को मानने से मना कर दिया है

विशाल – आपको अपने पिता का बात मान लेना चाहिए

राधा – विशाल अगर आप हमें नहीं मिले तो मैं खुद खुशी कर लूंगी

विशाल तो ये समझ ही रहा था की राधा हमारे प्यार में पागल हो गई है
राधा जी आप ये क्या कह रही है

राधा – हां विशाल अगर आप हमें नहीं मिले तो मैं अपना जान निश्चित लें बैठूंगी

विशाल – राधा आप कुछ ऐसा वैसा नही करेंगी मैं आपका ही हूं

राधा – मैं आपसे कल सुबह मिलना चाहती हूं

विशाल – राधा जी मैं तीन चार दिन के लिए शहर जा रहा हूं आने पर सिधा आपसे ही मिलूंगा फिर आप जैसा चाहेगी वैसा ही होगा

राधा – ठीक है मैं आपका तीन चार दिन इंतजार करुंगी

विशाल – शहर में लें जाकर सभी लड़कियों को बेच दिया कुछ तो बड़े लोग खुद खरीद लिए जिससे दिन भर काम करवाता और रात को उसके जिस्म को जैसे मन करता वैसे ही भोगता मना करने पर मार तो अलग खाना पड़ता, भर पेट खाना तक नहीं देता जब उस सेठ का उससे जी भर जाता तो उसे कोठे के दलालों को बुलाता और उसे देखकर जो मिल जाए पैसे लेकर लड़की को दें देता फिर वो दलाल उन लड़कियों से कोठे पर धंधा करवाता

विशाल का बैंक अकाउंट दुसरे नाम से था उस पर फोटो भी कुछ अलग ही देखने में लगता फेसबुक या वाटशप पर वो भुल कर भी अपना फोटो शेयर नही करता

Language: Hindi
405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
Satyaveer vaishnav
चंचल - मन पाता कहाँ , परमब्रह्म का बोध (कुंडलिया)
चंचल - मन पाता कहाँ , परमब्रह्म का बोध (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मुस्कुरायें तो
मुस्कुरायें तो
sushil sarna
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
shri rahi Kabeer
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
#बात_बेबात-
#बात_बेबात-
*Author प्रणय प्रभात*
तुकबन्दी,
तुकबन्दी,
Satish Srijan
*सुविचरण*
*सुविचरण*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्रम करो! रुकना नहीं है।
श्रम करो! रुकना नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
"स्वतंत्रता दिवस"
Slok maurya "umang"
Mai deewana ho hi gya
Mai deewana ho hi gya
Swami Ganganiya
2951.*पूर्णिका*
2951.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हुनर का मोल
हुनर का मोल
Dr. Kishan tandon kranti
जवाब के इन्तजार में हूँ
जवाब के इन्तजार में हूँ
Pratibha Pandey
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोई आयत सुनाओ सब्र की क़ुरान से,
कोई आयत सुनाओ सब्र की क़ुरान से,
Vishal babu (vishu)
अल्फाज़
अल्फाज़
हिमांशु Kulshrestha
तुझसे रिश्ता
तुझसे रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
अब ये ना पूछना कि,
अब ये ना पूछना कि,
शेखर सिंह
सत्य सनातन गीत है गीता
सत्य सनातन गीत है गीता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
घमंड
घमंड
Ranjeet kumar patre
Loading...