फिल्म – कब तक चुप रहूंगी
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फिल्म – कब तक चुप रहूंगी। स्क्रिप्ट – रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283 /7859042461
तारीक – 28 – 12 – 2021
कई मां बाप का शिकायत अलग-अलग नामों से अलग अलग पुलिस थाना में विशाल नाम से दर्ज था
सुबह हुआ डोंगरा साहब अपने इकलौती बेटी के पास आये और उसे समझाने लगे कि बेटी मैं तुम्हारे प्यार के खिलाफ नहीं हूं पर उनके बारे में सब कुछ पता लगाना भी बहुत जरूरी है विशाल हमें भी उस दिन देखने में बोल चाल में ठीक लगा पर ये उपर का दिखावा भी तो हो सकता है चल उठ जा हम चय बाप बेटी साथ पिएंगे
बेटी दिल से नही दिमाग से काम लें क्योंकि उपर वाला ने दिल से दिमाग का स्थान उपर दिया है
डोंगरा साहब अपने बेटी को समझाकर आये और चय पर उसका इंतजार करने लगे।
राधा आई और चय नहीं पी रही थी सिर्फ गुमसुम चुपचाप बैठी रही
डोंगरा साहब – क्या हुआ तुझे मैं तुम्हारे बात मानने के लिए तैयार हूं पर तूं जल्दी बाजी में कोई काम गलत नहीं करना जिससे तुम्हारे हाथ पश्चात के सिवा कुछ न लगें
बेटा ये प्यार मोहब्बत सच में, परेशानी के सामने नहीं टिकता ये टूटकर बिखर जाता है।
यहां पर डोंगरा साहब थोड़ा अपने बात को टाइट करते हुए
अभी मैं तुम्हें एक दुश्मन सा लगता हुंगा अगर प्यार मोहब्बत गलत नहीं है तो दुनिया इस गलत क्यों मानता है
आज से नहीं सदियों से प्यार को समाज ने गलत ही कहा है क्योंकि प्यार बाप भाई कुल खानदान के इज्जत को निलाम कर देता है।
क्यों तुझे मैं उस गरीब से विवाह कर दूं हमारा भी अरमान है कि मैं अपने से भी अमीर घर में मैं अपने इकलौती बेटी का विवाह करुं जिसे मैंने नाजों में पाला है हमरा भी अरमान है कि हमरा भी दामाद किसी बड़े पद पर हों
हमें भी अपने समाज से अपने बेटी दामाद कि प्रशंसा अच्छा लगेगा मुझे भी होता है कि हमारा दामाद हमारे बेटी का खर्चा उठाये और मुझे कहें पापा जी आप राधा का चिंता न करें मैं हूं राधा के लिए
और उसके पास क्या है और वो तुझे क्या देगा सिर्फ गरीबी का दल-दल हर कुछ के लिए तुझे अपने पापा का मुंह देखना पड़ेगा।
मैं तुम्हें बीस वर्ष पाला है तुही मेरा संसार है कैसे मैं अपने इस संसार को बर्बाद होते देख सकता हूं। मेरा बीस वर्ष का प्यार में फिका पर गया उसके दो दिन के मुलाकात में।
जो तुम मुझे उसके बारे में कुछ जानकारी लेने तक का समय नहीं दे रही है इससे अच्छा तो तु मुझे अपने हाथ से ज़हर दे-दे ताकि तु मेरे मरने के बाद जो मर्जी हो वो करना
राधा – चुपचाप सुनती रही और रोती है अपने पापा के एक बातों का जवाब नहीं दी
डोंगरा साहब अपने कुर्सी से उठे और राधा के सर पर हाथ फेरते हुए बोले बेटी हम प्यार के दुश्मन हैं
हम तुम से वादा करते हैं की यदि विशाल का सही परिचय हमें मिल गया तो हम तुम दोनों का विवाह बड़े धुमधाम से करेंगे
राधा – यदि वो गरीब हुआ तो
डोंगरा साहब – ये एक बाप का अपने इकलौती बेटी से वादा हैं कि हम उसका गरीबी नहीं देखेंगे पर वो इंसान सही होना चाहिए । यदि वो गरीब भी होगा और सही इंसान होगा तो तुम्हारे विवाह एक एतिहासिक विवाह में से एक होगा
लेकिन राधा का मन मानने के लिए तैयार नहीं और विशाल से एकपल की दुरी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी
अपने पापा का बात सुनकर राधा को ये लग रहा था कि उसके पापा उसे विशाल से मिलने नहीं देगा और वो अपने सहेली के घर जा रही हूं कहके घर से निकल गई
और पुरा दिन एक पार्क में जाकर विशाल से बातें करती रही
विशाल – राधा को कह रहा था कि हम तीन से चार दिन में आ जाएंगे तो हम दोनो सोचकर कोई काम करेंगे
राधा ने कहा कि हमारे पापा इस तरह से मुझे कह रहा है
विशाल ने कहा उनका कहना बिल्कुल ठीक है
राधा को तो लग रहा था कि विशाल चार दिन नहीं चार साल के लिए शहर चला गया है
डोंगरा साहब विशाल के बारे में छानबीन शुरू कर दिया पर उस कुछ जानकारी नहीं मिला।
फिर वो राधा से कहा कि एक बेटी मुझे विशाल के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिल रहा है
राधा देखिए पापा विशाल सिधा सादा आदमी हैं उसे इधर उधर की बातों से उन्हें कोई लेना देना नहीं रहता इसलिए आपको विशाल के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रहा है वो अपने आप में मस्त रहता है
डोंगरा साहब – चल मैं तुम्हारे बात मान लेता हूं पर वो काम किया करता है उनके मां बाप या परिवार के और कोई सदस्य तों होगा उनसे तु मिली है
राधा – मैं उनसे मिलके क्या करुंगी मुझे तो बस विशाल चाहिए बाकी दुनिया से हमें कुछ मतलब नहीं
डोंगरा साहब – देख बेटी तुम्हें दुनिया से कोई मतलब नहीं है लेकिन हमें दुनिया से मतलब है । आज हमारी सबसे अच्छी बेटी हमारे इज्जत को उछालने पर लगी हुई है आज हमें ऐसा लग रहा है कि अच्छा हुआ कि तेरी मां ये सब देखने के लिए जिन्दा नहीं है
राधा – पापा आप हमें गलत समझ रहे हैं
डोंगरा साहब – बेटी तु गलत है इसलिए हम तुम्हें गलत समझते हैं और तुम्हें समझाने कि कोशिश कर रहा हूं कि तु कुछ समझ से काम लें
बातों बातों में चार दिन वित गया विशाल सारे लड़कियों को वेश्यावृत्त के दलदल में गाढ़कर आ रहा था
अब उन सभी लड़कियों का जीवन नर्क से बत्तड़ हो जाएगा
ये अपने जेब को गर्म किया और चल दिया
विशाल उधर से दुसरे रास्ते और दुसरे तरह से भेष बदलकर रात को चला बस से,जब वो निकला तो राधा को फोन किया और बोला कि मैं आ रहा हूं
कल सुबह एग्यारह बजे तक हम पहुंच जाएंगे तों राधा के खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वो तुरंत सोच ली की यदि हम आज ही कुछ नही कर लिए तो पापा कुछ न कुछ विशाल में कमी निकाल कर वो हमें विशाल से मिलने नहीं देंगे इसलिए मैं आज ही विशाल से कोर्ट मैरिज कर लेते हैं
और विशाल को कहती हैं कि आप कोर्ट के पास ही उत्तर जाइंए मैं वहीं पहुंच रही हूं।
विशाल राधा का इशारा समझ गया और वो चांह भी रही रहा था उसने कहा
विशाल – राधा कौन-सा कोर्ट के पास और क्यों
राधा – राधा ने जिस कोर्ट का नाम लिया वो कोर्ट राधा के घर से तीस किलोमीटर दूरी पर था जिससे विशाल को कोई खतरा नहीं लगा और वो उत्तर कर एक होटल में रुका जहां पर वो अपना हुलिया ऐसा बदला कि देखने में किसी रईश बाप का बेटा लग रहा था
क्यों का मतलब तों वो समझ ही रहा था
इधर राधा अपने पापा से बोली पापा मैं आ रही हूं
डोंगरा साहब – कहा जा रही हों बेटी
राधा – पापा जब मैं वापस आऊंगी तो आप स्वयं देख लेना
डोंगरा साहब – आज तुम बहुत खुश नजर आ रही हों बेटी मुझे लगता हैं आज तुम कही विशेष कार्य के लिए जा रहीं
अगर मुझे बता देती तो मैं तुम्हारे लिए भगवान से प्रार्थना करता वो कार्य पुरा होने के लिए
राधा – पापा आप भगवान से प्रार्थना किजिए कि मैं जिस काम के लिए जाती हूं वो काम हो जाये
पापा मुझे कुछ पैसे चाहिए
डोंगरा साहब – जा बेटी अलमारी से ले लें
राधा गई और अलमारी से पैसा लेली आज ये नहीं बोली कि पापा पैसे आप ही दिजिए राधा आज से पहले अपने हाथ से कभी पैसा नहीं ली थी और ली भी तो कुछ ज्यादा ही ली आज तक राधा इतनी पैसा कभी नहीं ली थी।
पर डोंगरा साहब उन्हें कुछ नहीं कहा और वो समझ गया कि आज कुछ गड़बड़ जरूर होगा।
राधा अपने तैयारी में थी आज वो देखती कहीं और और बात अपने पापा से करती
डोंगरा साहब – सोच रहे थे कि आज चार दिन से दुखी मेरी बेटी आज अचानक इतनी खुश कैसे हो गई
तभी राधा बोली पापा मैं जा रही हूं लगभग चार बजे तक मैं लौटकर आऊंगी
डोंगरा साहब – बोले जा बेटी तेरे आने का मैं इंतजार करुंगा
पर कोई भी काम गलत नहीं करना जिससे तुम्हें बाद में पछताना पड़े
राधा – मनुष्य के हाथ में कुछ नहीं है पापा उनका भाग्य जहां ले जाये उसे वहां जाना ही पड़ता है । और वो घर से निकल कर बी एम डब्ल्यू कार ली और ड्राइवर को बोली आप यही पर रहकर पापा का ध्यान रखिए
ड्राइवर हां कहके सर हिलाया
राधा गाड़ी में बैठी और बड़े खुशी के साथ चल दी उस कोर्ट के तरफ जहां वो विशाल को उतरने के लिए कहीं थी
ड्राइवर डोंगरा साहब के पास पहुंचा तो वो बोले ड्राइवर साहब आप नहीं गए राधा के साथ
तों ड्राइवर बोला सर राधा जी आपका ध्यान रखने के लिए बोल कर गई हैं
डोंगरा साहब – वो
राधा गाड़ी का गेयर बदली और विशाल को फोन कर कहने लगी कि मैं आ रही हूं आपसे मिलने आप कोर्ट के बाहर हमें मिलना
विशाल ने कहा नहीं आप कोर्ट से थोड़ा दूर पर महाराजा होटल हैं आप उसी में रुम नंबर पंद्रह में आओ
राधा महाराजा होटल का नाम सुनकर बहुत खुश हुई और वो वहां पर पहुंची काॅनटर पर पहुंची की काॅनटर मेन ने कहा आप राधा जी हैं और आप को रुम नंबर पंद्रह में जाना है ऐसा विशाल सर ने हमें कहा चलिए मैं आपको खुद छोड़ देता हूं ।
ऐसा लोकलिटी देख राधा तो विशाल से मिलने के लिए पागल हो रही थी
काॅनटर मेन ने राधा को पंद्रह नंबर रुम पर लेजाकर रुम वेल बजाया
विशाल ने दरवाजा खोला तो राधा ने विशाल का रुप देखकर हैरत में पड़ गई विशाल इतना खूबसूरत लग रहा था कोट पेंट शर्ट डाई यकिनन विशाल इस समय बहुत खुबसूरत लग रहा है
काॅनटर मेन ने उसे नमस्कार कर चलने लगा तो विशाल ने उन्हें रोक कर दो सौ का नोट दिया और बोला ये हमारे ओर से आपके लिए टिप्स राधा तो चौंक गई और सोचने लगी कि विशाल का हृदय कितना बड़ा है और उनके गले से लिपट गई
विशाल – राजकुमारी जी आप ये क्या कर रही हों आप अपना ख्याल करों मैं आपके लायक नहीं और बराबरी का तो मैं कभी सोचता ही नहीं
राधा – युहू देखिए आज से मैं सदा आपकी हो जाउंगी इसलिए आज से आप हमें आप नहीं तुम कहेंगे और न मैं राजकुमारी और न आप गरीब आज से हम दोनों विशाल और राधा । मैं आपके बीना अब एकपल और नहीं रह सकती इसलिए मैं आज सारे अमीरी और ग़रीबी का फासले मिटाने आई हूं
विशाल – आपका मतलब क्या है विशाल कि दिवानी राधा जी
राधा – हमारे तन मन पर राज करने वाले हमारे होने वाले हम-दम हम सफर आज हम दोनों सदा के लिए एक हो जाएंगे आज हम कोर्ट मैरिज करेंगे
विशाल – राधा जी आश्चर्य चकित करने वाला प्रेम है आपका यदि मैं कहूं कि हम अभी शादी नहीं करेंगे तो
राधा – तो क्या मुझे आपका दुरी बर्दाश्त नहीं हो रहा है और आप हम से दुर रहना चाहते हैं तो या तो आज हमें मिल जाएंगे या फिर आज मैं आपसे सदा के लिए बहुत दुर चली जाऊंगी जहां से कोई लौट कर नहीं आता
विशाल – ये क्या कह रही है आप
राधा – हां विशाल या तो आज हमें मिल जाएंगे या तो हमें ये जहर पीकर मर जाएंगे
विशाल – इतना प्यार करती हो हमसे
राधा – आजमा कर देख लो
विशाल – मुझे नहीं आजमाना है मैं देख रहा हूं कि मेरी राधा
को अगर अब विशाल नहीं मिला तो वो कुछ भी कर सकती हैं । इसलिए ये विशाल अपने आप को अपनी राधा को सौंप कर सदा के लिए राधा का हों जाने में ही भला है और राधा का हुक्म इस विशाल के सर आंखों पर
राधा – वो विशाल आई लव यू
विशाल – हम भी आपको बहुत बहुत बहुत प्यार करते हैं
राधा – तो चलिए हम मार्केटिंग करके शादी के लिए मैं अपने लिए शादी का जोड़ा और आपके लिए खुब सुंदर सुट लेते हैं ।
विशाल – चलिए और दोनों जन होटल से निकलें और एक बड़े माॅल में पहुंचे
राधा – दुकानदार से बोली कि साहब के लिए सबसे सुंदर सुट निकाल कर दिजिए
विशाल – और हमारे जान के लिए आपके दुकान का सुंदर और महंगा शादी का जोड़ा। दिजिए जिसमें हमारी जान से सुंदर और कोई न हो
दुकान दार ने ऐसा ही किया दोनों ने पहनकर देखा तो सारे ग्राहक कर्मचारी देखते रह गए और सबने जमकर तारीफ की
जब राधा पेमेंट करने लगी तो विशाल बोला अरे आप क्या कर रही हो
राधा – पेमेंट दे रही हूं
विशाल – क्यों मेरी जान मै आपके नजर में ऐसा हूं कि अपने विवाह का खर्च तक नहीं उठा सकता
राधा – नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है
विशाल – तों ये वील नहीं आज का टोटल खर्च हम उठाएंगे
राधा – लेकिन विशाल
विशाल – लेकिन वेकिन कुछ नहीं
राधा – ठीक है जैसा आपकी इक्क्षा। और राधा सोचने लगी कि हमारे पापा कितना गलत सोच रहे हैं विशाल के बारे में।