फिलहाल जाने दो…
ज़िन्दगी का
जो भी हुआ
ये सवाल जाने दो
क्या हुआ
हश्र और अंजाम
फिलहाल जाने दो
तेरे साथ मेरे
हर पल का हिसाब
जाने दो
तेरा सच
तेरी ख़ुशी
तेरी फौकियत
हर ख्याल
जाने दो
मगर एक बात है
वो एक बात
जो ज़ीने नहीं
देती है
उसे जानना
चाहती हूँ…
क्या आँसू भी
झूठे हैं
वादों की तरहाँ
यदि हाँ
तो हर सवाल
हर हाल
जाने दो
चलो जो भी हुआ
फिलहाल
जाने दो…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’
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