#गीत//फिर होंगे दिन रात सुहाने
गीत – फिर होंगे दिन रात सुहाने
साथ सभी का मिल जाएगा ,
कोरोना भी हिल जाएगा।
फिर होंगे दिन रात सुहाने ,
ऐसा यारों कल आएगा।।
बाज़ार सजेंगे शहरों के,
कर्फ़्यू न रहेंगे पहरों के।
रिश्तों का मिलना भी होगा,
ड्यूटी पर चलना भी होगा।
नाव जहाज़ चलेंगे सारे ,
मंज़र हर दिल को भाएगा।
फिर होंगे दिन रात सुहाने ,
ऐसा यारो कल आएगा।।
गाड़ी की छुकछुक भी सुनना,
नदियों झरनों को तुम तकना।
पर्वत चढ़ना मंदिर जाना,
रोज प्रेम के नग़में गाना।
सैर सपाटा सब स्थलों का ,
फिर से मन को बहलाएगा।
फिर होंगे दिन रात सुहाने ,
ऐसा यारो कल आएगा।।
मॉल सिनेमा खुल जाएंगे,
खेलों के दिन फिर आएंगे।
मौसम हर रंगीन बनेगा,
हरपल यहाँ हसीन बनेगा।
धरती से अंबर तक यारो !
भारत जन्नत हो जाएगा।
फिर होंगे दिन रात सुहाने ,
ऐसा यारो कल आएगा।।
#आर.एस.प्रीतम