फिर से होगा सवेरा
फिर से होगा सवेरा,
खुशियों की होगी धूम ।
हटा दो मन की निराशा,
ले विश्वास खूब झूम ।।
दुःख के काले काले बादल,
छँट जाएंगे ओ मेरे यार ।
हर घर राशन पानी होगा,
खिल खिलाएगा परिवार ।।
यह जो विपदा आई है,
चली जाएगी धीरे धीरे ।
थोड़ा धैर्य रख लीजिए,
समय सब घाव भरे ।।
सुख दुःख आते जाते,
होते है अतिथि समान ।
ख़ुशी ख़ुशी स्वागत करो,
यही जीवन का है ज्ञान ।।
बीत रही है श्वास,
जी भर कर जी ले ।
कल हम हो न हों,
आज हमें अपना ले ।।
खिलकर फूल मुरझाता,
फिर नया फूल खिलता ।
यही जीवन की सच्चाई,
कौन किसे फिर मिलता ।।
आओ मिलकर करें प्रार्थना,
प्रभु के आगे शीश नमन ।
ईश्वर ही सबका दाता,
गुण गाते जन जन ।।