Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2018 · 1 min read

फिर से बचपन आ जाए ।

कभी-कभी लगता है कुछ यूँ,
फिर से बचपन आ जाए ।
चले थाम उँगली मेरी,
तेरे घर तक ले जाए ।….

भूल भेद, रीति समाज की,
हँसना सबको सिखाने ।
रेत घरौंदे, गुड्डे-गुड़ियाँ,
का फिर ब्याह कराए ।….

जूठा-मीठा, खट्टा-तीखा,
हाथ से अपने खिलाए ।
बात-बात पर, नाक चढ़ा के,
मटका आँख चिढ़ाए ।…..

बाग़ की कच्ची, अमियाँ तोड़े,
देख माली, छिप जाए ।
यार बड़ा तड़पे है मनवा,
कहीं दुकान मिल जाए ।….

दीपक चौबे ‘अंजान’

Language: Hindi
Tag: गीत
415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
Shravan singh
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
"क्रान्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
कुंती कान्हा से कहा,
कुंती कान्हा से कहा,
Satish Srijan
सच्चाई के खड़ा पक्ष में, मैं निष्पक्ष नहीं हूँ( मुक्तक)
सच्चाई के खड़ा पक्ष में, मैं निष्पक्ष नहीं हूँ( मुक्तक)
Ravi Prakash
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
उन वीर सपूतों को
उन वीर सपूतों को
gurudeenverma198
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
Ragini Kumari
मन मंदिर के कोने से 💺🌸👪
मन मंदिर के कोने से 💺🌸👪
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गजल
गजल
Punam Pande
2750. *पूर्णिका*
2750. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
चुनावी घोषणा पत्र
चुनावी घोषणा पत्र
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चुनिंदा अशआर
चुनिंदा अशआर
Dr fauzia Naseem shad
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
Shweta Soni
गाछ सभक लेल
गाछ सभक लेल
DrLakshman Jha Parimal
कभी किसी की मदद कर के देखना
कभी किसी की मदद कर के देखना
shabina. Naaz
फितरत
फितरत
kavita verma
सावन म वैशाख समा गे
सावन म वैशाख समा गे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नैह
नैह
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
If you have someone who genuinely cares about you, respects
If you have someone who genuinely cares about you, respects
पूर्वार्थ
सुनहरे सपने
सुनहरे सपने
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
*Author प्रणय प्रभात*
कितना प्यार
कितना प्यार
Swami Ganganiya
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
Dr Archana Gupta
Loading...