एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
मुफलिसो और बेकशों की शान में मेरा ईमान बोलेगा।
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#लोकराज की लुटती लाज
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आंखें हमारी और दीदार आपका
शरीर जल गया, मिट्टी में मिल गया
*काले-काले बादल नभ में, भादो अष्टम तिथि लाते हैं (राधेश्यामी
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri