फिर वही
फिर वही
बेसबब इंतजार ,
फिर वही दर्द
तेरे आगोश में
सुकून की चाह,
हर रोज़ की तरह
रूठी हुई नींद,
उसका इंतजार
हिमांशु Kulshrestha
फिर वही
बेसबब इंतजार ,
फिर वही दर्द
तेरे आगोश में
सुकून की चाह,
हर रोज़ की तरह
रूठी हुई नींद,
उसका इंतजार
हिमांशु Kulshrestha