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22 Sep 2024 · 1 min read

फिर वही

फिर वही
बेसबब इंतजार ,
फिर वही दर्द
तेरे आगोश में
सुकून की चाह,
हर रोज़ की तरह
रूठी हुई नींद,
उसका इंतजार

हिमांशु Kulshrestha

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