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ओनिका सेतिया 'अनु '
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23 Dec 2023 · 1 min read
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही तन्हाई ।
घेर लेती है तेरी यादें ,
उफ्फ! यह बेरहम जुदाई ।
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