फिर भी वो मासूम है
लूटा है लाखों दिलों को उसने
अपनी अदाओं के जादू से
फिर भी वो मासूम है
कहते है सब एक दूसरे से
है निगाहें जो कातिल उसकी
उसमें भी समंदर नज़र आता है
डूबना चाहता है हर कोई उसमें
कौन जाने उन्हें तैरना भी आता है
हसरतों पर किसी की लगाम नहीं
हर कोई करीब आना चाहता है
इस होड़ में, पाकर थोड़ी सी जगह
दिल में उसके बस जाना चाहता है
थी मेरी भी तमन्ना यही
उसके दिल में बस जाने की
आकर देख लो मुझे
क्या हालत हो गई है दीवाने की
दिन को मेरा चैन गायब
रातों में मेरी नींद गायब
हद तो तब हो गई जब
दिल से धड़कन हो गई गायब
लेकिन उसपर फिर भी
कोई असर नज़र नहीं आता
वो मेरी हालत से आज भी
अनजान है नज़र आता
है दिल उसका पत्थर का शायद
मेरे दिल की हालत समझता नहीं है
हम तो समझे थे जिसको अपना
वो हमें अपना समझता नहीं है
दुखाया है मेरे दिल को बहुत
रुलाया है मुझे बहुत उसने
जाने फिर भी मेरे दिल को
क्यों दिखती है मासूमियत उसमें।