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29 Sep 2024 · 1 min read

फिर फिर गलत होने का

फिर फिर गलत होने का
मैंने बीड़ा उठाया है
उसकी हंसी को अपनापन समझ
फिर फिर हाथ बढ़ाया है

चित्रा बिष्ट

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