“फिर पुरानी याद दिल पे दस्तक देने आयी है”
फिर पुरानी याद दिल पे,दस्तक देने आयी है।
होठों पे मुस्कान, आंखो में आंसु लायी है।
प्यार किया था तुझसे,किया ये मेरा कसूर था।
आखिर पास होकर भी, क्यों तू मुझसे दूर था।
अफसोस में यही पूरी ज़िन्दगी बितायी है।
फिर पुरानी याद दिल पे, दस्तक देने आयी है।
रास्ते वहीं है हमसफर बदल गये।
नजर भर देख लेते थे, अब तो घर बदल गये ।
सावन ने मन में, हलचल मचायी है
फिर पुरानी याद दिल पे,दस्तक देने आयी है।
भूलने के बहाने,तुझे याद किया करते है।
ना चाहते हुए भी, तेरी ही बात किया करते है।
आज भी वहीं बरसात है फिर फूलों की खुशबु भायी है।
फिर पुरानी याद दिल पे,दस्तक देने आयी है।
हक नहीं है मेरा, फिर भी इच्छा रखते है।
तेरे साथ बीते हर मुलाकात का ,किस्सा रखते है।
बूंद गिर माटी पे ,माटी की शोंदी सी खुशबु छायी है।
फिर पुरानी याद दिल पे,दस्तक देने आयी है।