फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
नैन लड़ा यूँ सजनी
फूल खिलें रजनीगंधा के,
रैन बिता यूँ सजनी
तेरे बिन ये जग सूना है,
छोड़ मुझे मत जाना
जान अभी दे दूँगा रोकर,
हरदम साथ निभाना
– महावीर उत्तरांचली