Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2021 · 1 min read

फिर किसी मोड़ पर वो मिल जाएँ कहीं

फिर किसी मोड़ पर वो मिल जाएँ कहीं

फिर किसी मोड़ पर वो मिल जाएँ कहीं

कोई तो ऎसी सुबह हो खुदाया मेरे

जख्म दिल के नासूर न हो जाएँ कहीं

उसके दीदार की कोई तो सुबह हो खुदाया मेरे

रातों की नींद , दिल का चैन अब नहीं मेरे

उसका पहलू नसीब हो मुझको खुदाया मेरे

उसकी कमसिन अदाओं का हुआ मुझ पर जादू

उसकी बाहों का मुझे सहारा मिले खुदाया मेरे

उसकी आँखों में डूबने का मन करता है मेरा

कुछ तो मेरी खबर कर खुदाया मेरे

कहीं किसी मोड़ पर जो वो मिल जाए मुझे

कुछ ऐसा तो करम कर खुदाया मेरे

मैं उसके दीदार की आस लिये ज़िंदा हूँ

क़यामत हो उसका दीदार हो जाए खुदाया मेरे

फिर किसी मोड़ पर वो मिल जाएँ कहीं

कोई तो ऎसी सुबह हो खुदाया मेरे

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 1 Comment · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
Dr MusafiR BaithA
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कोई नही है अंजान
कोई नही है अंजान
Basant Bhagawan Roy
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
*Author प्रणय प्रभात*
गौमाता की व्यथा
गौमाता की व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
3345.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3345.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते
Ram Krishan Rastogi
कितना बदल रहे हैं हम
कितना बदल रहे हैं हम
Dr fauzia Naseem shad
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
सुनी चेतना की नहीं,
सुनी चेतना की नहीं,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
* हो जाओ तैयार *
* हो जाओ तैयार *
surenderpal vaidya
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सच का सौदा
सच का सौदा
अरशद रसूल बदायूंनी
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
Rashmi Ranjan
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
गांव में छुट्टियां
गांव में छुट्टियां
Manu Vashistha
"अहसासों का समीकरण"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
मैं तो महज जीवन हूँ
मैं तो महज जीवन हूँ
VINOD CHAUHAN
यादों में
यादों में
Shweta Soni
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
....एक झलक....
....एक झलक....
Naushaba Suriya
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...