Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2020 · 1 min read

फिर कलम रो पड़ी, मुक्तक

इश्क में इश्क की हर कसम रो पड़ी
जब भी धोखा मिला आँख नम रो पड़ी
इश्क में दर्द की इंतहा देख कर
शायरी फिर ग़ज़ल फिर कलम रो पड़ी

©
शरद कश्यप

Language: Hindi
1 Like · 444 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो एक एहसास
वो एक एहसास
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
..
..
*प्रणय प्रभात*
क्या हिसाब दूँ
क्या हिसाब दूँ
हिमांशु Kulshrestha
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
खत्म हुआ एक और दिन
खत्म हुआ एक और दिन
Chitra Bisht
خود کو وہ پائے
خود کو وہ پائے
Dr fauzia Naseem shad
दोस्ती की कीमत - कहानी
दोस्ती की कीमत - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
राम लला
राम लला
Satyaveer vaishnav
तन, मन, धन
तन, मन, धन
Sonam Puneet Dubey
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
Arun Kumar Yadav
"ख़ासियत"
Dr. Kishan tandon kranti
हम हमेशा साथ रहेंगे
हम हमेशा साथ रहेंगे
Lovi Mishra
सुलझा हुआ सा समझते हैं मुझको लोग...
सुलझा हुआ सा समझते हैं मुझको लोग...
पूर्वार्थ
बाबा भीम आये हैं
बाबा भीम आये हैं
gurudeenverma198
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
शुभ संकेत जग ज़हान भारती🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"इक दनदनाती है ,रेल ,जो रोज है चलती ,
Neeraj kumar Soni
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3332.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3332.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
P S Dhami
#संघर्षशील जीवन
#संघर्षशील जीवन
Radheshyam Khatik
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
Ravi Prakash
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...