फिर एक बार आड ईवन
फिर एक बार
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चलो न अब सब मिलकर
मीटिंग करते हैं,
जुलूस निकालते हैं,
पोस्टर चिपकाते हैं,
ईवन-आड खेलते हैं,
पराली का कुछ सोचते हैं,
पटाखे बैन करते हैं,
मास्क की ब्रैंडिग करते हैं,
टीवी पर विज्ञापन निकालते हैं ,
दो-चार शार्ट फिल्म बनवाते हैं ,
चलो न !
क्योंकि बीते सालों की तरह
फिर से नवंबर जो आया है !
हरबार की तरह ही साथ में
वायु प्रदूषण भी लाया है !
पिछली जनवरी से सोई पड़ी थी जो सरकार,
उसे फिर एकबार कुंभकरणी नींद से जगाने आया है !
चलो न …..
~Sugyata