फिर उसकी याद……
आज फिर उसकी याद आई,
आज फिर मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आई।
सोचता हूं क्यो आज वो मेरे ख्यालों मे आई,
उसके होंठों की मुस्कान की याद आई।
उसकी कही हुई बाते याद आई।
उसकी बातो की मिठास याद आई
उसके संग बीते पलों का सफर,
जैसे जीने का मकसद हुआ अपना प्यार।
फिर उसकी आंखों की चमक की याद आई,
जो मुझे कराती थी उसकी मोहब्बत का एहसास।
मुझे उसकी याद मे उस एहसास की याद आई
जिसे मैं अपनी जिंदगी का हसीन सफ़र समझता था
फिर उसकी याद आई,
जैसे मेरे अंतर मन की आग जलती हुई उमंगों को संभालती हुई,उस उमंग की याद आई।
क्यों हर दिन,हर पल उसे याद करता हूँ,
मुझे उसके साथ बिताये हुए कुछ पलों की याद आई।
वो उसको याद कर पुराने दिन याद करता हूँ,
क्यो उसके साथ बिताये उन दिनों को याद करता हूँ
उसकी याद में खोये हुए,
मैं अपनी जिंदगी को खोलता हुआ।
फिर उसकी याद आई,
जैसे मेरे जीवन का सार होता हुआ, हर पल मुझे प्यार होता है।
ये दिल कभी नहीं समझता, क्यों हम जोड़े बनते हैं
फिर उसे खोने के बाद,उसकी यादों से इतना जुड़ते है
फिर उसकी याद आई,जैसे कोई बदला सावन की तरह,
मुझे उस पल उसके बदलने की याद आई
लेकिन जो भी हो,
उसकी यादों से मन मेरा कभी नहीं भरता।
मुझे उसके यादों की बदलने की याद आई।।।
~ विशाल बाबू ✍️✍️