फिर आ जाने दो
खट्टी-मीठी बीती बातें
दिवस सुहाने भीगी रातें
फिर आ जाने दो
सूने सूने मन जीवन में
खुशियों की वो बात पुरानी
फिर छा जाने दो
अल्हड़ बचपन मस्त जवानी
कही अनकही प्रेम कहानी
एकाकी से ग्रस्त हृदय को
फिर भा जाने दो
खट्टी-मीठी बीती बातें
दिवस सुहाने भीगी रातें
फिर आ जाने दो
अशोक सोनी
भिलाई ।