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14 Jul 2023 · 1 min read

फितरत

फितरत

उन्हें पानें के लिए हर ग़म भुला देंगे
वो चाहते हैं हम अपनी फितरत बदलकर आएंगे।

क्या मैं तुम्हारी पलकों पर बस जाऊं
तुम क्यों चाहते हो मैं तुम्हारे पास
अपनी फितरत बदलकर आऊ।‌‌‍‌

तुम्हें शक अगर मेरी फितरत पर था
तो तुमने ये क्यों कहा कि मैं तुम्हारी
किस्मत में था।

जब कोई मेरे पास आता है तुम क्यों
उदास हो जाते हो
मेरी फितरत गलत बताकर मुझे
बेकार बताते हैं।

घबराना मत कभी कभी फिक्र पीछे ले आती है
हमारी फितरत ही हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाती है।

4 Likes · 2 Comments · 253 Views
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